Best Motivational Story In Hindi 2020

     
जिंदगी को जी कर मरो - मर मर कर मत जियों || Hindi motivational Story In 2020


Best Motivational Story In Hindi 2020 || Life Changing Story In Hindi 2020 || Kuchh Sachchi Baate 2020 


     आज बादलों ने फिर से साजिश की जहा मेरा घर था वही बारिश की अगर फलक को जिद हे। बिजिलिया गिराने की तो हमे भी जिद हे। वहीं आशिया बनाने की जिंदगी हे। तो मुस्किले तो होंगी ही समस्याये तो होगी ही जिंदगी को जिंदा दिल से जीना हे। तो समस्याओं का सामना करना होगा वो मुर्दे ही होते हे। जिनके पास समस्याये नहीं होती मुश्किलो से गभराकर दुबक जाने का नाम जिंदगी नहीं हे। 


    एक बगीचे में एक नन्ना सा फूल था घास का फूल दीवार के ओट में ईंटों से ढका हुआ सब तरह से सुरक्षित तेज तूंफान आता पर उनका बाल वांका न करपाता तपता हुआ सूरज उसका कुछ बिगाड़ न पाता मोसलदार बारिश भी उसे गिरा न पाती क्यूं की वो छुपा हुआ था बड़ी बड़ी घास में ईटों की आड़ से ढका हुआ सारी परिथितिया उसके अनुकुलथी। उसके पास ही गुलाब के पौघे थे वो गुलाब फूलों देखकर बहोत खुश होता वो खिलना चाहता था उनकी की तरह एक दिन उसने अपने साथी घास फूलों से कहा मुझे भी खिलना हे गुलाब का फूल की तरह महेक ना हे इनकी की तरह साथी फूलों ने बहोत समजाया क्यूं जंजट में पड़ते हो।


    गुलाब का फूल बनना इतना आसान नहीं हे कभी कभी तो ये खील भी नहीं सकता लोग उसकी कली ही तोड़ लेते हे। बारिश रस्की सारी पंखुडिया तक तोड़ लेती हे। तूफान इसको जड़ तक हिला देता हे। तो बहोत जानता हे हमारे कुछ पूर्व जोने भी यही गलती की थी गुलाब का फूल बनने की गलती पर परिणाम भयंकर हुये। तू जैसा हे बिलकुल सही हे अपनी औकात में रहे। इसपर घास के फूल ने कहा में कभी भी सूरज से मील नहीं पाता बारिश से संघर्ष नहीं कर पाता तूफानों से लड़ नहीं पाता इसपर उसने साथियो ने कहा तो अच्छा ये हे ना जरूरत क्या हे उसकी हम ईटों दीवार में आराम से जीते हे।  

Life Changing Story In Hindi 

    मगर घास का फूल नहीं माना उसने भगवान से तपष्या की और वरदान मांगा हे भगवान मुझे गुलाब का फूल बना दे और अगले ही दिन वो गुलाब का फूल बन गया और फिर शुरू हुआ उसका संघर्ष जोर से आघीन चलने लगी और उसके प्राण रुआ रुआ तक काप गया उसके जड़े उखड़ ने लगे जब आघीया रुकी तो सूरज दिखाई देने लगा जब सूरज की तपेश पड़ ने लगी तो सारे फूल कुंगला ने लगे वो गुलाब का फूल भी कुंगला गया। अगले ही दिन तेज वर्षा हुई और इस फूल की पंखुड़ी पंखुड़ी यहां आस पास बिखर गई उसकी पंखुडिया उसकी जाती की घास फूलो के आस पास ही पड़ी थी उसकी हालत देख कर घास फूलों को तरस आने लगा उन्होंने इससे कहा हमने तो तुझे पहेले ही संमजाया था। 


    तूं क्यूं इतनी मुसीबते मोल ली कितने आराम से जी रहा था तूं इसपर उस मरते हुए गुलाब के फूल ने कहा में आज बहोत खुश और में तुमसे भी यही कहुगा के जिंदगी भर ईट की आड़ में छुपे हुए घास फूल होने से तो बहोत अच्छा हे। एक दिन के लिए सही पर गुलाब फूल हो जाना आज मैने अपनी आत्मा को पा लिया हे। आज मैने तुफानो से संघर्ष किया हे। सूरज से मुलाकात की ही और बारिश से जुजू लिया हे। में ऐसे ही नहीं मर रहा हूं में जी कर मर रहा हूं और तुंम मरे मरे से जी रहे हो। 


    दोस्तों वो जीना भी क्या जीना जिसमे आप जोखम उठाने से डरते हो ये सच हे के कस्तिया किनारे पर सबसे ज्यादा महफ़ूज़ होती हे पर कस्तिया किनारे पर खड़े हो ने के लिए नहीं बनाई जाती जिंदगी अपने कम्फोन्ट जॉन बढ़े रहने का नाम नहीं हे। जिंदगी हर दिन कुछ नया सिखने का नाम हे। हर दिन पिछले दिन से बहेतर करने का नाम हे। सात बार गिरकर आठ मि बार उठने का नाम हे। 



    क्या खा हे किसी ने कभी समस्या तो कभी समाघान हे। जिंदगी कभी सन्मान तो कभी बलिदान हे। जिंदगी संघर्ष विग्न जिम्मेदारिया यही तो हे। खूबसूरती हे जिंदगी की क्यूं की कभी उच्च सिखर तो कभी घहेरी ढलान हे जिंदगी। 



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